निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
तताँरा-वामीरो एक लोककथा है। तताँरा-वामीरो अंडमान निकोबार द्वीप की कथा है। पहले माना जाता था कि ये दोनों द्वीप आपस में जुड़े हुए थे|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
वामीरो मंत्रमुग्ध होकर गाना गा रही थी कि अचानक समुद्र की एक ऊँची लहर ने उसे भिगो दिया था और इसी के प्रतिक्रिया स्वरुप वह हड़बड़ाकर उठ बैठी। ऐसी स्थिति में वह गाना भूल गई।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
तताँरा ने वामीरो से याचना की कि वह अपना मधुर गाना पूरा करे। बाद में उसने उसका नाम जानने और अगले दिन भी उसी समुद्री चट्टान पर आने की याचना की।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि वहाँ के निवासी केवल अपने गाँववालों(गाँव के भीतर) के साथ ही विवाह कर सकते थे। गाँव के बाहर के किसी लड़के या लड़की से विवाह करना अनुचित माना जाता था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
क्रोध में तताँरा का हाथ कमर पर लटकी तलवार पर चला गया और उसने तलवार निकाल कर ज़मीन में गाड़ दी और फिर वह पूरी ताकत से अपनी तलवार को खींचने लगा और इस प्रक्रिया में उसने द्वीप को दो टुकड़ों में बाँट दिया|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
तताँरा इसका प्रयोग सबके सामने नहीं करता था। लोगों का मानना था कि उसमे अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा की तलवार लकड़ी की थी औऱ हर समय तताँरा की कमर पर बँधी रहती थी। वास्तव में वह तलवार एक विलक्षण रहस्य थी जिसके बारे में लोग सिर्फ कल्पना करते थे असल में उन्हें उसकी तलवार के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
वामीरो ने तताँरा को बेरूखी से क्या जवाब दिया?
वामीरों ने तताँरा को बेरूखी से जवाब दिया कि पहले वह बताए कि वह कौन है जो इस तरह प्रश्न पूछ रहा है। वह उसके कहने पर गाना क्यों गाए, वह उससे असंगत प्रश्न क्यों कर रहा है, वह उसे घूर क्यों रहा है, वह अपने गाँव के पुरूष के अलावा किसी अन्य को जबाव देने को विवश नहीं है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
तताँरा-वमीरो की त्यागमयी मृत्यू से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु की घटना के बाद निकोबारी लोगों ने अपनी परंपरा में परिवर्तन को स्वीकार किविवाह संबंध स्थापित करना शुरू कर दिया| उनकी मृत्यु शायद इसी सुखद परिणाम के लिए हुई थी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
निकोबार के लोग तताँरा को उसकी साहसी, आत्मीय प्रवृति और उसके परोपकारी स्वभाव के कारण पसंद करते थे। वह सदैव दूसरों की सहायता करने में विश्वास रखता था और द्वीपवासियों की सेवा करना अपना कर्तव्य समझता था। वह मुसीबत के समय भाग भागकर सबकी मदद करता था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
निकोबारियों का विश्वास था कि पहले कभी लिटिल-अडंमान और कार-निकोबार दोनों आपस में जुड़े हुए थे| इनके दो होने के पीछे तताँरा-वामीरो की लोक कथा प्रचलित है। ये दोनों प्रेम करते थे। दोनों एक गाँव के नहीं थे। इसलिए रीति अनुसार विवाह नहीं हो सकता था। रूढ़ियों में जकड़े होने के कारण वह कुछ कर भी नहीं सकता था। उसे अत्यधिक क्रोध आया और उसने क्रोध में अपनी तलवार धरती में गाड़ दी और उसे खींचते खींचते वह दूर भागता चला गया। इससे ज़मीन दो भागों में बँट गई और द्वीप दो भागों एम् विभक्त हो गया|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन बपने शब्दों में कीजिए।
तताँरा दिनभर खूब परिश्रम करने के बाद समुद्र के किनारे टहलने निकल गया। शाम का समय था और समुद्र से ठंडी हवाएँ आ रही थी। पक्षियों की चहचहाहट धीरे-धीरे कम हो रही थी। डूबते हुए सूरज़ की किरणें समुद्र के पानी पर पड़कर सतरंगी छटा बिखेर रही थी। समुद्र का पानी बहते हुए आवाज़ कर रहा था, मानो कोई गीत गा रहा हो। पूरा वातावरण बहुत मोहक लग रहा था। सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणें, पानी में घुलकर अद्भुत स्वर्गिक सौंदर्य की रचना कर रही थीं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा बहुत बैचेन रहने लगा। उसके मन में हर समय वामीरो की तस्वीर रहती और जुवान पर केबल वामीरो का नाम रहता। वह अपनी सुधबुध खो बैठा। वह हर समय शाम की प्रतीक्षा करता जब वह वामीरो से मिल सके। वह दिन ढ़लने से पहले ही लपाती की समुद्री चट्टान पर पहुँच जाता ताकि वहाँ जाकर वह वामीरो से मिल सके। उसे शाम तक का वक्त काटने में एक-एक पल पहाड़ जैसा लगता था|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
प्राचीन काल में हष्ट पुष्ट पशुओं के साथ शक्ति प्रदर्शन किए जाते थे। लड़ाकू साँडों, शेर, पहलवानों की कुश्ती, तलवार बाजी जैसे शक्ति प्रदर्शन के कार्यक्रम मनोरंजन के लिए आयोजित किये जाते थे। तीतर, बटेर की लड़ाई, पंतगबाजी, पैठे लगाना आदि का भी आयोजन होता था| खाने पीने की दुकानें, जानवरों की नुमाइश, ये सभी प्राचीन काल में मनोरंजन के साधन होते थे| पसा गाँव में वर्ष में एक ऐसा मेला होता था जिसमें सभी गाँवों के लोग इकट्ठे होते थे। उसमें नृत्य, संगीत और भोजन का भी प्रबंध होता था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
रूढि़याँ जब बंधन बन बोझ बनने लगे तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
रूढ़ियां और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और वे मनुष्य के लिए बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है। इस कहानी के संदर्भ में देखा जाए तो तताँरा-वामीरो का विवाह एक रूढ़ि के कारण नहीं हो सकता था जिसके कारण उन्हें जान देनी पड़ती है। इस तरह की रूढ़ियाँ किसी का भला करने की जगह नुकसान करती हैं। लेखक के अनुसार व्यक्ति की स्वतंत्रता व समाज में शान्ति एवं सद्भाव के लिए इन परंपरागत रूढि़यों व मान्यतायों का टूट जाना ही बेहतर है।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
तताँरा से अपना अकारण अपमान सहा नहीं गया। जब वामीरो की माँ तथा उसके गाँव वासियों ने उस पर लाँछन लगाया तो उसे अपमान से बचने का कोई उपाय न सूझा। तताँरा-वामीरो को पता लग गया था कि उनका विवाह नहीं हो सकता था फिर भी वे मिलते रहे। एक बार पशु पर्व मे वामीरो, तताँरा से मिलकर रोने लगी। इस पर उसकी माँ ने क्रोध किया और तताँरा को अपमानित किया। तताँरा को भी क्रोध आने लगा। अपने गुस्से को शान्त करने के लिए अपनी तलवार को ज़मीन में गाड़ कर खींचता चला गया और उसने द्वीप को दो भागों में विभाजित कर दिया|
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
बस आस की एक किरण थी जो समुद्री की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
तताँरा वामीरो को पहली ही नज़र में बेहद प्रेम करने लगा था। वह उसकी प्रतिक्षा में अपने जीवन की संपूर्ण आस लगाए बैठा था। तताँरा ने वामीरो से मिलने के लिए कहा और वह शाम के समय वहाँ जाकर उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। जैसे-जैसे सूरज डूब रहा था, उसको वामीरो के न आने की आशंका होने लगी। जिस प्रकार सूर्य की किरणें समुद्र की लहरों में कभी दिखती तो कभी छिप जाती थी, उसी तरह तताँरा के मन में भी उम्मीद बनती और डूबने लगती थी। उसे लगता है कि आशा की यह किरण वामीरो के न आने पर समुद्र में डूबते सूर्य की किरणों के समान कहीं डूब न जाए।
निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में (â) का चिह्न लगाकर बताएँ कि वह वाक्य किस प्रकार का है-
(क) निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ख) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ग) वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(घ) क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ड-) वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(च) मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूँगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(क) विधानवाचक
(ख) प्रश्नवाचक
(ग) विधानवाचक
(घ) प्रश्नवाचक(निषेधात्मक)
(ड-) विस्मयादिबोधक
(च) विधानवाचक
निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(क) सुध-बुध खोना
(ख) बाट जोहना
(ग) खुशी का ठिकाना ना रहना
(घ) आग बबूला होना
(ड-) आव़ाज उठाना
(क) अचानक बहुत से मेहमानों को देखकर गीता ने अपनी सुधबुध खो दी।
(ख) शाम होते ही माँ अपने बच्चों की बाट जोहने लगती।
(ग) आई. ए. एस. की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर रमेश की खुशी का ठिकाना न रहा।
(घ) शैतान बच्चों को देखकर अध्यापक आग बबूला हो गए।
(ड-) प्रगतिशील लोगों ने हमेशा से रूढ़ियों के खिलाफ आवाज़ उठाई।
नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए-
नाचे दिए गए शब्दों में उचित उतसर्ग लगाकर शब्द बनाइए-
निम्नलिखित वाक्या को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए-
(क) जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)
(ख) फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)
(ग) वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरपफ़ दौड़ी। (सरल वाक्य)
(घ) तताँरा को देखकर वह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)
(ड-) रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)
(क) जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है कि मैं विचलित हुआ हूँ।
(ख) फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आई और ठिठक गई।
(ग) वामीरो कुछ सचेत होने पर घर की तरफ दौड़ी।
(घ) उसने तताँरा को देखा और फूटकर रोने लगी।
(ड-) रीति के अनुसार यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
नीचे गिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
भय, मधुर, सभ्य, मूक, तरल, उपस्थिति, सुखद।
नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यावाची शब्द लिखिए-
समुद्र, आँख, दिन, अँधेरा, मुक्त
नीचे दिए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग किजिए-
किंकर्तव्यविमूढ़, विह्यल, भयाकुल, याचक, आकंठ।
• किंकर्तव्यविमूढ़ − बहुत परेशानी में ठाकुर साहब से ढेरो पैसे इनाम मिलने पर वह किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया।
• विह्यल − गीता बूढ़ी माँ के अंतिम क्षणों में विह्यल हो गई।
• भयाकुल − वह अकेले अंधेरे घर में भयाकुल हो गया।
• याचक − दरवाज़े पर एक याचक खड़ा था।
• आकंठ − वह बहुत ही मधुर आकंठ से गीत गा रही थी।
‘किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुज़रने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
उपर्युक्त वाक्य में दिन के लिए निम्नलिखित विशेषण का प्रयोग किया गया है-
आँचरहित, ठंडा, ऊबाऊ।
दिन के लिए अतिरिक्त विशेषण- सुदंर, शुभ, ठंडा, लंबा, नीरस, उदास, हताश, उमस भरा।
(क) इस पाठ में ‘देखना’ क्रिया के कए रूप आए हैं- ‘देखना’ के इन विभिन्न शब्द-प्रयोगों में क्या अंतर है? वाक्य-प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए।
(ख) इसी प्रकार ‘बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग बताइए-
आंखें केंद्रित करना:- अपने लक्ष्य पर आंखें केंद्रित करके आगे बढ़ते रहना चाहिए।
नज़र पड़ना:- घर आते ही कमरे में रखे नए फूलदान पर अचानक मेरी नज़र पड़ी।
ताकना:- इधर-उधर ताकना बुरी बात है।
घूरना :- तुम मुझे इस प्रकार घूरना छोड़ दो वरना अच्छा नहीं होगा।
निहारना :- प्राकृतिक सौंदर्य को निहारना बहुत अच्छा लगता है।
निर्निमेष ताकना :- बगीचे में लगा गुलाब का फूल इतना आकर्षक था कि मैं उसे निर्निमेष देखता रह गया।
(ख) 1. मंद वाचन करना
2. उच्चारण
3. बड़े बोल
4. बोलती बंद होना
5. बोलते जाना
6. कहना
नीचे दिए गए वाक्यों को पढि़ए-
(क) श्याम का बड़ा भाई रमेश कल दाया था। (संज्ञा पदबंध)
(ख) सुनीता परिश्रमी और होशियार लड़की है। (विशेषण पदबंध)
(ग) अरूणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची। (क्रियाविशेषण पदबंध)
(घ) आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)
ऊपर दिए गए वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई तद हैं जो एक तद संज्ञा का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमशः क्रियाविशेषण और क्रिया का काम कर रहे हैं।
ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है| जैसे-‘पेड़ो पर पक्षी चहचहा रहे थे। वाक्य में ‘पेड़ों’ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरिणक बिंदू जुड़ जाते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य का एक अंश होता है।
पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-
• संज्ञा पदबंध
• क्रिया पदबंध
• विशेषण पदबंध
• क्रियाविशेषण पदबंध
वाक्यों के रेखांकित पदबंधो का प्रकार बताइए-
(क) उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
(ख) तताँरा को मानों कुछ होश आया।
(ग) वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
(घ) तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(ड-) उसकी व्याकुल आँखे वामीरो को ढूँढ़ने में व्यस्त थीं।
(क) विशेषण पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) क्रियाविशेषण पदबंध
(घ) विशेषण पदबंध
(ड-) संज्ञा पदबंध